कीट विज्ञान ( Entomology ) : फसलों एवं भण्डारण के प्रमुख कीट

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कीट विज्ञान ( Entomology ) : फसलों एवं भण्डारण के प्रमुख कीट ( Important Insect Pest of Crops & Storage )

 

परिभाषा ( Definition ) – जन्तु विज्ञान की वह शाखा जिसके अन्तर्गत कीटों का अध्ययन किया जाता हैं , वह कीट विज्ञान ( Entomology ) कहलाती है ।

कीट आर्थ्रोपोडा संघ के इन्सेक्टा वर्ग में सम्मिलित हैं । कीटों का शरीर तीन भागों यानि सिर , वक्ष एवं उदर में विभक्त होता हैं । इनकी टाँगें एवं शरीर बहुखण्डीय होता हैं । कीटों का शरीर वास्तव में 20 खण्डों का बना होता हैं । पहले छः खण्ड मिलकर सिर व उसके बाद के तीन खण्ड़ वक्ष व अंतिम ग्यारह खण्ड उदर बनाते हैं । सामान्यतयाः सिर पर एक जोड़ी शृंगिकाएँ ( Antennae ) , एक जोड़ी संयुक्त नेत्र ( Compound eye ) तथा मुखांग ( Mouth parts ) पाये जाते हैं । वक्ष पर तीन जोड़ी संधित टाँगे ( षट्पाद ) तथा ज्यादातर जातियों में दो जोड़ी पंख ( कुछ में अनुपस्थित या एक जोड़ी ) प्रायः दूसरे तथा तीसरे वक्षीय खण्ड में स्थित होते हैं । श्वसन शाखित श्वास नलिकाओं द्वारा , ऊत्सर्जन मेलपीगी नलिकाओं द्वारा शरीर गुहा रूधिर गुहा के रूप में होती हैं । शरीर लम्बाकार , इनमें हड्डियाँ नहीं होती हैं तथा बाह्य कंकाल के रूप में काइटिन का आवरण होता है । ये एकलिंगी होते हैं यानि नर व मादा अलग – अलग होते हैं । अधिकांश कीट अण्डज होते हैं । अधिकतर अधिकतर कीटों में कायान्तरण ( Metamorphosis ) भ्रूण विकास के बाद होता हैं । कीटों में कायान्तरण पूर्ण ( Complete ) एवं अपूर्ण ( Incomplete ) प्रकार का होता हैं । कीटों के जीवन चक्र में चार अवस्थाओं , अण्डा ( Egg ) , लट् ( Larva ) प्यूपा ( Pupa ) एवं वयस्क ( Adult ) का होना पूर्ण कायान्तरण तथा तीन अवस्थाओं , अण्डा , अर्भक ( Nymph ) एवं वयस्क का होना अपूर्ण कायान्तरण कहलाता है ।

 

फसलों में लगने वाले कीटों को ऋतु , फसलों एवं वैज्ञानिक ( कीट वर्गों ) के आधार पर वर्गीकृत किया जा सकता हैं –

1. ऋतु के आधार पर ( Based on Seasons ) –

( i ) खरीफ फसलों में लगने वाले कीट ( Pests of kharif crops ) – कातरा , खरीफ का टिड्डा , सफेद लट , सैन्य कीट इत्यादि

( ii ) रबी फसलों में लगने वाले कीट ( Pests of rabi crops ) – गेहूँ का गुलाबी छिद्रक ( Pink borer ) सरसों का मोयला , चने का फली छेदक इत्यादि

 

2. फसलों के आधार पर ( Based on Crops ) –

( i ) धान्य की फसलों में लगने वाले कीट ( Pests of cereal crops ) – कातरा , सफेद लट , दीमक , प्ररोह मक्खी , तना छेदक इत्यादि

( ii ) दलहन की फसलों में लगने वाले कीट ( Pests of pulses ) – चने का फली छेदक , कटुवा लट , पर्ण सुरगंक , पिच्छकी शलभ ( Plume moth ) इत्यादि

( iii ) तिलहन की फसलों में लगने वाले कीट ( Pests of oilseed crops ) – सरसों का मोयला , तिल का संपुट वेधक कीट , मूंगफली का पर्ण सुरगंक इत्यादि

( iv ) सब्जियों में लगने वाले कीट ( Pests of vegetable crops ) – मटर का पर्ण सुरंगक कीट , हीरक पृष्ठ शलभ , पिस्सु भृंग , सफेद मक्खी , बैंगन का तना एवं फल भेदक कीट इत्यादि

( v ) फलों में लगने वाले कीट ( Fruit pests ) – आम का फुदका कीट , छाल खाने वाला कीट , नींबू की तितली इत्यादि

( vi ) भण्डारण में लगने वाले कीट ( Storage pests ) – खपरा भृंग , दालों का घुन , चावल की घुन , लाल सुरसाली इत्यादि

 

3. आर्थिक आधार पर ( Based on Economic ) –

( i ) लाभदायक कीट ( Beneficial insect ) – मधुमक्खी , रेशम कीट , लेडी बर्ड बीटल , क्राइसोपरला कार्निया , लाख का कीट इत्यादि

( ii ) हानिकारक कीट ( Harmful insect ) – फली छेदक , हीरक पृष्ठ तितली , दीमक , फड़का इत्यादि

 

4. वैज्ञानिक आधार पर ( Based on Science ) – वैज्ञानिक आधार पर 29 वर्गों में बाँटा गया हैं । इनमें से निम्नांकित वर्ग कृषि महत्व के हैं –

  वर्ग                       उदाहरण

1. ओडोनाटा    –      डेगनफ्लाई

2. प्लैकोप्टेरा      –     स्टोनफ्लाई

3. आर्थोप्टेरा      –      टिडडा

4. डिक्टयोप्टेरा     –    कॉकरोच , मैनटिड्स

5. आइसोप्टेरा     –     दीमक

6. मैलोफेगा      –      बर्ड – लाइस

7. हेमीप्टेरा       –       मत्कुण

8. थाइसैप्टेरा     –       थ्रिप्स

9. मेकोप्टेरा        –     स्कोर्पियन फ्लाई

10. लैपिडोप्टेरा    –     तितली , शलभ

11. डिप्टेरा        –      मक्खियाँ , मच्छर

12. हायमेनोप्टेरा    –    मधुमक्खियाँ , बर

13. कोलियोप्टेरा    –    बीटिल , वीविल

 

कातरा (Red Hairy Caterpillar)

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