मृदा उर्वरता एवं मृदा उत्पादकता में अंतर

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मृदा उर्वरता ( Soil Fertility ) –

पादप वृद्धि के लिए अनुकूल दशाओं में मृदा द्वारा आवश्यक पोषक तत्वों को प्राप्य रूप , उचित मात्रा तथा उपयुक्त सन्तुलन में प्रदान करने की क्षमता को मृदा उर्वरता कहते हैं ।

मृदा उत्पादकता ( Soil Productivity ) –

मृदा उत्पादकता का अभिप्राय उसकी प्रति हैक्टर पैदावार देने की क्षमता से है । इसको साधारणतया रुपयों में या प्रति हैक्टर उपज के रूप में व्यक्त हैं ।

मृदा उवर्रता

मृदा उत्पादकता

मृदा उवर्रता का सम्बन्ध पौधों के आवश्यक पोषक तत्वों की उचित मात्रा , सही अनुपात एवं उपलब्ध कराने की क्षमता से है ।

मृदा उत्पादकता का सम्बन्ध प्रति हैक्टर भूमि से फसल उत्पादन क्षमता से है ।

उर्वर मृदा उत्पादक हो भी सकती है और नहीं भी । 

उत्पादक मृदा हमेशा उर्वर होगी ।

मृदा की भौतिक दशा , रासायनिक स्थिति , पौधों के पोषक तत्वों की मात्रा व उनका सन्तुलन मृदा उर्वरता को निर्धारित करते हैं । 

मृदा की उर्वरता , परिवहन व्यय , उपज की माँग तथा फसल पैदा करने में व्यय मृदा उत्पादकता को निर्धारित करते हैं ।

मृदा उर्वरता की प्रयोगशाला में जाँच की जा सकती है । 

मृदा उत्पादकता की जाँच खेत में प्राप्त उत्पादन से कर सकते हैं प्रयोगशाला में नहीं ।

मृदा उर्वरता मृदा उत्पादकता का एक मुख्य अंग है । उर्वरता के अन्तर्गत आर्थिक नियम , माँग , पूर्ति , उत्पादन व्यय व उपज के मूल्य का विचार नगण्य है ।

मृदा उत्पादकता एक व्यापक शब्द है , जिसके अन्तर्गत भौतिक क्रियायें व आर्थिक नियम सम्मिलित हैं ।

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